एक दिल को छू लेने बाली घटना आज का दौर सामान्यतः गिरते सामाजिक मूल्यों के लिए बदनाम है लेकिन कल की एक घटना दिल को छू गई। मैं कल दोपहर बाद जमुई से सड़क मार्ग से वापस झाझा की ओर आ रहा था। साथ में मेरे पिताजी और परिवार के कुछ सदस्य थे। पिताजी के लिए कुछ दवाई खरीदने के लिए गिधौर में रुका। गाडी रोकी और बाहर निकला। मेरे साथ मेरे संबंधी भी निकले। इसी दौरान गाडी से उतरने के क्रम में सीट पर रखा मेरा मोबाइल सैमसंग J7 भी सीट से सरककर सड़क पर गिर गया जिसकी खबर हममें से किसी को नहीं हुई। हम दोनों दूकान की तरफ बढ़ गए दवा लेने और गाडी में मेरे पिताजी और एक महिला संबंधी रही। मोबाइल गिर जाने का अंदाजा किसी को नहीं था। अचानक साधारण सा दिखने बाला साधारण वेशभूसा में एक 10-12 साल का बच्चा मोबाइल लेकर मेरे पिताजी के पास आया जो दूसरी तरफ की सीट पर बैठे थे और मोबाइल देते हुए बोला कि ये मोबाइल जो दवा की दुकान पर गए है उनसे गिर गया है। पिताजी जबतक कुछ समझ पाते तबतक वो बच्चा मोबाइल मेरे पिताजी को सौंप कर चला गया। पिताजी मोबाइल को उलट पलट कर यह निश्चित करना चाहते थे की मोबाइल हमलोगों में से किसी का
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