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            एक दिल को छू लेने बाली घटना आज का दौर सामान्यतः गिरते सामाजिक मूल्यों के लिए बदनाम है लेकिन कल की एक घटना दिल को छू  गई। मैं कल दोपहर बाद जमुई से सड़क मार्ग से वापस झाझा की ओर आ रहा था। साथ में मेरे पिताजी और परिवार के कुछ सदस्य थे। पिताजी के लिए कुछ दवाई खरीदने के लिए गिधौर में रुका। गाडी रोकी और बाहर निकला। मेरे साथ मेरे संबंधी भी निकले। इसी दौरान गाडी से उतरने के क्रम में सीट पर रखा मेरा मोबाइल सैमसंग J7 भी सीट से सरककर सड़क पर गिर गया जिसकी खबर हममें से किसी को नहीं हुई। हम दोनों दूकान की तरफ बढ़ गए दवा लेने और गाडी में मेरे पिताजी और एक महिला संबंधी रही। मोबाइल गिर जाने का अंदाजा किसी को नहीं था। अचानक साधारण सा दिखने बाला साधारण वेशभूसा में एक 10-12 साल का बच्चा मोबाइल लेकर मेरे पिताजी के पास आया जो दूसरी तरफ की सीट पर बैठे थे और मोबाइल देते हुए बोला कि ये मोबाइल जो दवा की दुकान पर गए है उनसे गिर गया है। पिताजी जबतक कुछ समझ पाते तबतक वो बच्चा मोबाइल मेरे पिताजी को सौंप कर चला गया। पिताजी मोबाइल को उलट पलट कर यह निश्चित करना चाहते थे की मोबाइल हमलोगों में से किसी का
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Receiving honour from the honourable Governor Bihar sri Ramnath kovind on 23 March 2016 at Gandhi Maidaan Patna
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My father 80 + years old and a retired teacher, a man of strict discipline for his own children but a very liberal and loving grand father for our children

गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा - एक विवेचना

                               गुणवत्तापूर्ण शिक्षा - एक विवेचना शिक्षा हमें समृद्ध करने एवं एवं अन्य प्राणियों से अलग कर हमें एक विशिष्ठ स्थान प्रदान करने वाली सर्वोत्तम विधा है. शिक्षा का सामान्य उद्येश्य ज्ञान, उचित आचरण तकनीकी दक्षता आदि तत्वों का विकास कर एक संपूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण करना है. तात्पर्य यह कि शिक्षा का मूल एवं एकमात्र उद्येश्य मनुष्य में मानवोचित गुणों एवं समाजोपयोगी मूल्यों का विकास करना है. लेकिन हाल के दिनों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अथवा मूल्य आधारित शिक्षा एक लोकप्रिय चर्चा का विषय बना हुआ है. औपचारिक अनौपचारिक रूप से यत्र तत्र सर्वत्र सभी प्रबुद्ध एवं आमजन अपनी अपनी क्षमता एवं सीमा के अनुरूप इन विन्दुओं पर चर्चा करते नज़र आ जाते हैं. इन चर्चाओं में सर्वसम्मति से सब लोग एक निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता का अभाव हो गया है अथवा वर्तमान में शिक्षा प्रणाली मूल्यरहित हो गयी है. इस विषय पर आगे कुछ भी कहने से पहले ये समझना होगा कि गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा है क्या? मूल्याधारित शिक्षा है क्या? क्या हैं वो प्रतिमान और पैमाने